कैलाश सिंह विकास वाराणसी
स्त्री समृद्धता के लिए उसे सक्रिय करना आवश्यक - प्रो. आनन्द प्रकाश
वाराणसी, 20 मार्च। डीएवी पीजी काॅलेज के आईक्यूएसी के तत्वावधान में ग्रीवांस एण्ड रिड्रेसल कमेटी द्वारा आयोजित आॅनलाइन व्याख्यान श्रृंखला के अन्तिम कड़ी में शनिवार को ‘पितृसत्ता के खिलाफ अनवरत मोर्चा‘ विषय पर विद्वानों ने विमर्श किया। मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर आनन्द प्रकाश ने कहा कि स्त्री समाज को समृद्ध करना है तो उसे सामाजिक सक्रियता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अब समाज में किसी सत्ता का प्रभुत्व समाप्त करना है तो उसके लिए मातृसत्ता अथवा पुरूषसत्ता की आवश्यकता से ज्यादा गलत के खिलाफ आवाज उठाने की है।
विशिष्ट व्याख्यान देते हुए वरिष्ठ लेखक रामजी यादव ने कहा कि समय बदल चुका है और अब अतीत को गहरे दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है। समाज में जब से परिवार की इकाई अस्तित्व में आई, स्त्री और पुरूषों के बीच रस्साकशी का दौर प्रारम्भ हो गया। उन्होंने कहा कि समाज में पितृसत्ता को कभी समाप्त नही किया जा सकता है, ऐसे में स्त्रियों को लोकतांत्रिक व्यवस्था में अधिकार दिलाकर ही उन्हें पितृसत्ता के समकक्ष खड़ा किया जा सकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. शिव बहादुर सिंह ने कहा कि भारतीय समाज प्रारम्भ से ही पितृसत्तात्मक समाज रहा है, समय समय पर पितृसत्ता के खिलाफ आवाज भी उठती रही है। उन्होंने कहा कि समाज में स्त्री और पुरूष दोनो की सामान रूप से आवश्यकता है। किसी एक के बिना समाज की कल्पना नही की जा सकती है। व्याख्यान श्रृंखला की रिर्पोट संयोजिका डाॅ. ऋचारानी यादव ने प्रस्तुत किया। संचालन डाॅ. पूनम सिंह ने किया। इस अवसर पर सेल के सदस्य भी जुड़े रहे।
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