कैलाश सिंह विकास वाराणसी
नौ दिवसीय संगीतमय में देवी भागवत कथा का कलश यात्रा के साथ हुआ भव्य शुभारंभ
वाराणसी । सीर गोवर्धनपुर डाफी बीएचयू रोड स्थित कमला वाटिका मे शुक्रवार को नौ दिवसीय संगीतमय देवी भागवत कथा का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा से हुआ। डफी स्थित चौरा माता मंदिर से निकली कलश यात्रा का शुभारंभ देवी उपासिका साध्वी गीताम्बा गितम्बा तीर्थ में मां दुर्गा एवं कन्याओं का पूजन करके किया। कलश यात्रा में 111 कन्याये सर पर कलश लेकर चल रही थी। गाजे बाजे के साथ निकली कलश यात्रा में सैकड़ों महिला एवं पुरुष भी शामिल थे सबसे आगे बैंड बाजा वाले राम धुन बजाते हुए चल रहे थे उसके पीछे कन्याएं सर पर कलश लिए हुए चल रही थी इनके पीछे सैकड़ों श्रद्धालु जय माता की बोलते हुए चल रहे थे कलश यात्रा चौरा मता मंदिर से शुरू होकर कथा सथल कमला वाटिका पर आकर समाप्त हुई ।इसके पश्चात पोथी पूजन कर कथा का शुभारंभ हुआ ।पहले दिन कथा का अमृत मान कराते हुए साध्वी गीताम्बा तीर्थ ने देवी भागवत के महात्मा का वर्णन करते हुए कहा कि सतयुग में अगस्त ऋषि ने भगवान कार्तिकेय को, त्रेता युग में भगवान राम ने किष्किंधा में महर्षि नारद जी से, द्वापर में वासुदेव ने भगवान कृष्ण को पाने के लिए देवी भागवत की कथा नारद जी से सुनी। भगवान राम ने किस किंधा में मां जानकी के मिलने की कामना को लेकर देवी भागवत की कथा सुनी। देवी भागवत कथा आसुरी शक्तियों का नाश करती है साथ ही हर कष्ट का निवारण भी करती है साध्वी गीताम्बा ने कहा कि कलयुग में देवी भागवत की कथा सुनने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है साथ ही यश वैभव और शक्ति की प्राप्ति भी होती है कथा के अंत में देवी भागवत पोथी की आरती कर भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया ।
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