पुनीत मिश्रा फर्रुखाबाद
वर्षों से नहीं भरवाए गए सड़क के गड्ढे
सड़क से गुजरने वाले छात्र छात्राओं को भी होती है परेशानी
फर्रुखाबाद के विधानसभा कायमगंज के नवाबगंज में
सूबे में सरकार बनते ही योगी सरकार ने फरमान जारी किया था कि प्रदेश की सारी सड़कों को गड्ढा मुक्त किया जाएगा लेकिन यह दावा शायद कागजों में ही सिमट कर रह गया। फर्रुखाबाद में नवाबगंज से अचरा जाने वाली सड़क इन दिनों खस्ताहाल में है सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हादसे को दावत दे रहे हैं। सड़क का आलम यह है कि सड़क पर चलने वाली गाड़ियां रेंगती हुई चलती है सड़क से गुजरने वाले वाहनधारियों को अच्छी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के लाख दावों के बावजूद भी सड़कों की बदहाली दूर होने का नाम नहीं ले रही है। सालों बीतने के बाद भी अचरा नवाबगंज मार्ग की हालत ज्यों की त्यों बनी हुई है। सड़क से गुजरने वाले छात्र-छात्राओं भी काफी दिक्कतो का सामना कर अपने अपने घर पहुंचते है। सड़क से गुजरने वाले छात्र ने बताया कि कई बार बरसात होने पर सड़क के गड्ढे ही नहीं दिखते हैं। ई रिक्शा चालक रंजीत ने बताया कि काफी समय से इस सड़क की हालत खराब है। ई रिक्शा में बैठी सवारियों को अचरा से नवाबगंज पहुंचाने में तकरीबन एक घंटे का समय लगता है। सालों से सड़क के गड्ढे तक नहीं भरे गए जिससे कई रिक्शा गड्ढे में जाने से खराब भी हो गए। मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि वर्षों से तो सड़कों के गड्ढे तक ही नहीं भरवाए गए जबकि यह सड़क आधा सैकड़ा गांवों को जोड़ती है।
मुस्कुराइए क्योंकि आप फर्रुखाबाद जनपद में है.... जब आपकी गाड़ी हिचकोले लेने लगे और आपकी बाइक का पुर्जा पुर्जा हिलने लगे तो समझ लेना और जरा मुस्कुरा देना क्योंकि आप यूपी के जनपद फर्रुखाबाद में पहुंच चुके है। योगी सरकार भले ही गड्ढा मुक्त सड़कों की बात कर रही हो लेकिन हकीकत कुछ और है... आज आपको ज्यादा नहीं सिर्फ और सिर्फ एक तस्वीर दिखाएंगे.......नवाबगंज से अचरा जाने वाली सड़क इन दिनों खस्ताहाल में है इन दिनों ही नहीं पिछली कई वर्षों से खस्ताहाल में जिस पर सफर करना लक्ष्मण झूला से कम नहीं हिचकोले खाती गाड़ियां अपना अपना सफर करती हैं। राहगीर बताते है सालों से तो इस सड़क के गड्ढे तक नहीं भरे गए हैं और सड़कों में खड्डे इतने भयंकर हो गए हैं जो कि हादसों को दावत दे रहे हैं गाड़ियां चीटियों की तरह रेंग कर चलती है। इस मामले पर जब किसी जनप्रतिनिधि से सवाल पूछो तो जबाव मिलता है कि प्रस्ताव पास हो चुका है लेकिन शायद प्रस्ताव कागजों में ही पास हो जाता है और कागजों में ही गड्ढे भर दिए जाते है
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